Friday, 15 November 2019

सास लेना नहीं बनता है , नेता जी को फर्क पड़ता घंटा है ।

देश के नेता जनता के लिए कितने जागरूक हैं, यह आपको इस खबर से समझ आएगा. ये उन 29 सांसदों की लिस्ट है जिन्हें 15 तारीख को दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को लेकर चर्चा के लिए इकठ्ठा होना था. अब उनके घर में तो एयर प्यूरीफायर लगा हुआ तो वे क्यों जहमत उठाएंगे. मरना तो जनता को है तो मीटिंग में सिर्फ 4 सांसद उपस्थित हुए. 

उनके नाम भी नोट कर लीजिए, जगदंबिका पाल (अध्यक्ष), संजय सिंह, हसनैन मसूदी और सीआर पाटिल. इनकी तारीफ तो बनती है. मीटिंग में गौतम गंभीर, हेमा मालिनी, एमजे अकबर और रामचरण बोहरा जैसे जाने माने सांसद उपस्थित नहीं हुए. खिलाड़ी से नए-नए नेता बने गंभीर तो इंदौर टेस्ट मैच देखते हुए पोहा और जलेबी खाते हुए देख गए हैं. हेमा जी जो हैं वे केंट का एयर प्यूरीफायर जरूर बेचेंगी लेकिन मीटिंग अटेंड नहीं करेंगी. इन नेताओं के लिए जनता की सांसें उतनी जरूरी नहीं हैं जितना उनका पर्सनल काम. 

तो भइया बात सिर्फ इतनी है कि हर बार पार्टी, जाति और धर्म को लेकर वोट मत करिए. हमेशा वोट उस स्थानीय नेता को दीजिए जिससे आपको उम्मीद हो कि काम आने पर वह आपके बीच उपस्थित रहेंगे. ऐसा ना हो कि मदद पड़ने पर आप भी मिर्जा गालिब की तरह कहें कि "कोई उम्मीद बर नहीं आती, कोई सूरत नज़र नहीं आ"ती.

Tuesday, 25 June 2019

The Powerful

Every woman has a past. Some were physically abused. Some had violent parents. Some had pubertal issues. Some had sexual abuse as a child from their own family members. Some had messed up love stories. Some had been forced into sex in the name of love. Some had been drugged. Some were date raped. Some had been viciously photographed on bed. Some had been blackmailed by their ex-boyfriend. Some were in an abusive relationship. Some had menstrual problems. Some had a broken family. Some had a divorce. Some had an obesity issue. Some had financial droughts. Some had drug or alcohol addiction. Some had a few unsuccessful suicide attempts.

If you see a woman, who went through any of these but had already wiped her tears, tied her hair up, masked her sorrows with a divine smile, stood tall and strong, started walking towards her future because she still has some hope left inside her and has not given up on the concept of love that still exists in this world, do not stab her with her past. Do not confront her. Do not slap her with more abuse. Give way for her and walk beside her. May be hold her hands and walk for a while. You'll know how sweet that soul is and how strong her hopes are! You'll be amazed at how she carries herself after all her energy has been sucked out.

She need not always be only the woman next door or from a different home. She could be your own friend, your own sister, your own girlfriend, your own wife, even may be your own mother.
Do not judge her by her past. Gift her the peaceful future that she deserves. Hold her hands against the world, which knows only to judge. Give her the love that she always yearned for.

Friday, 7 June 2019

आइए हम रेप करते है

आइए हम रेप करते है सुन के अजीब लगा होगा लेकिन क्या कर सकते है ऐसे ही होरा है लोगो को लगता है किसी को मारना, रेप करना भूत आसान चीज है

और कहिए तो ट्रेंड होगया है इसका रेप कीजिए चर्चे में आयिए कुछ एक्टर और नेता पोस्ट डालेंगे कुछ लोग मोमबत्ती लेके रोड पे आयेंगे इस गली से निकल के उस गली चले जाएंगे और मुझ और आप जैसे सोशल मीडिया पर क्रांति लायेंगे लेकिन होगा क्या कुछ नहीं ।

सरकार को किसी ने बढ़िया कम्पनी का रूई देदिया है और चस्मा भी हाइ क्वालिटी का

जिस से ना तो इन्हे दिखाई देता है और ना सुनाई और नेताओं के दिमाग की बात तो उतनी है जितनी जानवर पे होती है जानवर को  जैसे भूक दिखती है तो कैसे भी खाना चाहिए सेम नेताओं का है वोट मिलेगा तो ये कुछ भी करेंगे और कुछ नहीं भी करेंगे।।।

Sunday, 26 May 2019

INDIAN POLITICS

बड़े दुख की बात है जो सरकार काम करती है उसपे वोट ना मांग के उन चीजों पर वोट मांगती है जो।उन्होंने किया ही नहीं
जैसे - सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, सैन्य सम्बन्धी चीजो पे वोट
जबकि सरकार को वोट - नोटबंदी, GST पे मांगना चाहिए और ट्रिपल तलाक तो लाके फिर कैंसल होगया।

विडंबना इस बात का है कि जो खुद की बीवी को इंसाफ ना दिला सका वो दूसरी की बीवियों की हक की बात कर रहा है ।

गांधी के मारने वालों को देशभक्त कहा जारा है, अतंकवादी अब संसद जाएंगे क्यों की वो हिन्दू है

और सबसे अहम की अगर सैन्य कामयाबी को अपना क्रेडिट देरे हो तो जो पुलवामा में शहीद जवानों की जिम्मेदारी क्यों नी लेते आगे आके क्यों की वो करने से वोट नहीं मिलता है.

Saturday, 9 February 2019

देसी चॉकलेट डे

हाँ, याद है मुझे, तुमने चॉकलेट दी थी, मैंने खाई थी, खाता नहीं तो क्या उसकी बत्ती बनाता?
उसकी चमकीली पन्नी बचा के रख ली थी मैंने, तुमने सोचा निशानी के तौर पर रख रहा हूँ, नहीं.. उसमे चॉकलेट लगी हुई थी जो मैंने घर पर चाट के खाई..
चॉकलेट की मिठास में तुम्हारा प्यार याद आया, और गीता का भी, और बबीता का भी, और रेनू का भी, और सुनीता का भी, सबने सेम चॉकलेट दी, मैं क्या करूँ..
और वो जो चॉकलेट मैंने तुम्हे दिया वो खरीदा नहीं था, गिफ्ट शॉप से मार के लाया था, मेरी औकात कहाँ 350 के चॉकलेट की, तुम्हारी औकात भी नहीं खाने की, लेकिन अरमानों का क्या, दूसरों के कंधे पर चढ़ते ही सुसु करते हैं..
तुमने भी मेरी दी चॉकलेट खाई, खाती न तो क्या कब्र में ले के जाती? तुम्हारी ऊँगली पर लगी चॉकलेट मैंने चाटी थी, तुमको इश्क़ फील हुआ, मैंने स्वाद जानने के इरादे से किया था, एक पीस भी दे जो नहीं रही थी तुम..
सोच रहा था कहूँ कि "खा के डब्बा वापिस कर देना", टिन के डब्बे में चीनी रखना इज़ सो आउट ऑफ फैशन ना!
चॉकलेट के थ्रू प्यार कैसे महसूस होता है, ये तुमने सिखाया मुझे, क्योंकि जितनी महंगी चॉकलेट, उत्ती बढ़ियां तरीके से, लपक-के गले लगी थी तुम..
वरना अपन तो "मम्मी के सोते ही फोन करूंगी" से ही फील ले लेते हैं..
माफ़ करना, मैं गंवार चॉकलेट डे टाइप मौकों पर ऐसा ही उबड़-खाबड़ सोचता रहता हूँ..!