बड़े दुख की बात है जो सरकार काम करती है उसपे वोट ना मांग के उन चीजों पर वोट मांगती है जो।उन्होंने किया ही नहीं
जैसे - सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, सैन्य सम्बन्धी चीजो पे वोट
जबकि सरकार को वोट - नोटबंदी, GST पे मांगना चाहिए और ट्रिपल तलाक तो लाके फिर कैंसल होगया।
विडंबना इस बात का है कि जो खुद की बीवी को इंसाफ ना दिला सका वो दूसरी की बीवियों की हक की बात कर रहा है ।
गांधी के मारने वालों को देशभक्त कहा जारा है, अतंकवादी अब संसद जाएंगे क्यों की वो हिन्दू है
और सबसे अहम की अगर सैन्य कामयाबी को अपना क्रेडिट देरे हो तो जो पुलवामा में शहीद जवानों की जिम्मेदारी क्यों नी लेते आगे आके क्यों की वो करने से वोट नहीं मिलता है.
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